...

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तलाश
मुझे सिर्फ इश्क़ की तलाश है
इश्क़ बिन ये देह बस लाश है

ऐसा नही कि मेरा कोई नही
कोई सिर्फ मेरा हो ऐसा कोई नही
हैं सब साथी संगी और परिवार
नही है बस तो एक दिलकश यार

प्यार की रिमझिम में भीगना है
खुद को हारकर इश्क़ जीतना है
कहूँ किससे ये दिल की व्यथा
हंसेंगे सब सुनकर मेरी कथा

जिस्म की नही मुझे चाह है रूह की
रूह में समा जाए ऐसे इश्क़ दुरूह की
कोई हो ऐसा जिसे निहारूँ अपलक
जिससे ज़िन्दा रहे जीने की ललक

मुझे सिर्फ इश्क़ की तलाश है
इश्क़ बिन ये देह बस लाश है
© rbdilkibaat