बागों में बहार है
बागों में बहार है फूल खिले थे चार है
कर लो रखवाली फूलों की
चोर सरे बाजार है जैसे चुनावी हार है
नेता जी फरार है जनता...
कर लो रखवाली फूलों की
चोर सरे बाजार है जैसे चुनावी हार है
नेता जी फरार है जनता...