एक शाम अपने नाम।
कभी तो सुकून के लिए एक पल चुराकर,
खुद को खोए हुए खुद से मिलाओ।
आंखों की अनदेखी नमी बहाकर,
एक बार फिर से मुस्कुराओ ।।
वक्त के पहियों को भी लेने दो थोड़ा आराम,
यह फुर्सत के पल पर है केवल तुम्हारा नाम।...
खुद को खोए हुए खुद से मिलाओ।
आंखों की अनदेखी नमी बहाकर,
एक बार फिर से मुस्कुराओ ।।
वक्त के पहियों को भी लेने दो थोड़ा आराम,
यह फुर्सत के पल पर है केवल तुम्हारा नाम।...