तलाश
मैं भटक रहा हूँ अनजान से शहर में ....
मुझे तलाश है किसकी !
कभी इधर कभी उधर,
मुझे प्यास है किसकी!
छोटी सी उम्र में ,
खुली आंखों में सपने हजार लिये ....
मुझे आस है किसकी !
अपनो से नाता तोड़ के,
गैरों से...
मुझे तलाश है किसकी !
कभी इधर कभी उधर,
मुझे प्यास है किसकी!
छोटी सी उम्र में ,
खुली आंखों में सपने हजार लिये ....
मुझे आस है किसकी !
अपनो से नाता तोड़ के,
गैरों से...