हसरत/हकीकत
हसरत🤫
नींद में भी पुकारूं तो चला आता है वो।
मेरी खातिर न जाने कहांँ-कहांँ जाता है वो।
मेरी उदासी से शिकन
खामोशी में बढ़ती उसकी धड़कन।
खोने के डर से सिहर जाता है वो
पाने के...
नींद में भी पुकारूं तो चला आता है वो।
मेरी खातिर न जाने कहांँ-कहांँ जाता है वो।
मेरी उदासी से शिकन
खामोशी में बढ़ती उसकी धड़कन।
खोने के डर से सिहर जाता है वो
पाने के...