...

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कमर तू अपनी का ले
रोने से तो,
आज तक किसी का
कुछ हुआ नहीं है,
तो तेरा कैसे हो जाएगा।

तुझे गिराने वाला,
तेरे अश्कों को देख,
हंस जरूर जाएगा।

तुझे वो रुलाता जाएगा और
तू रोता ही रह जाएगा।

तुझे वो कायर ही बतलाएगा,
तुझे वो यूहीं सताएगा।

तू बस वक़्त और किस्मत को,
दोष देता ही रह जाएगा।

तोड़ दे तू बंदिशे सारी,
समझ ले तू खुद की जिम्मेदारी,
कर ले तू लड़ने की तैयारी।

हौंसले को तू मूटी में भर ले,
इस दफा तू अपनी तो सुन ले,
कमर तू अपनी कस लें।
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