...

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हे सिद्धि विनायक
*करके माता पिता की सेवा सबको इक बात बतलाऊंगा*
*बप्पा के दिखाए पथ पर चलके माता पिता को दुनिया बताऊंगा*
*सभी लोगों से करके विनम्र निवेदन बस इतना कहना चाहूंगा*
*रहना साथ मात पित के बस यही विनती में गाऊंगा*

हे गणनायक सिद्धि विनायक सबके तुम संताप हरो
पाप विनाशक सब गुण दायक अब घर में विश्राम करो
आया यह मौका मुझ सेवक सेवा अब इसको तुम सम्पूर्ण करो
नव सीख सिखावन मन दीप जलावन ज्ञानहु का प्रसार करो

सब अवगुण मोहे न कछु सोहे बस तुझमें सेवा भाव धरो
माता पित सेवा तुम देहु मोहि देवा तेरे चरणन में प्रणाम करो
लड्डू अति प्यारो ग्रहण करहु हमारो हमको तुम कृतार्थ करो
मंदिर मन वाणी हृदय से प्राणी अब है तेरी शरण पड़ो

हे गणनायक मंगलदायक अब तुम कृपा निज दास करो
ना कछु मेरा सब कुछ है तेरा सब लोगों के संताप हरो
दीजे कछु नाही मन अकुलाही हृदय में सदा ही बास करो
भक्त वत्सल तुम हे लम्बोदर सबके मन इक सीख धरो

करे सब सेवा ओ मेरे देवा माता पिता के कष्ट हरें
न छोड़े गजनानन तुम सीख सिखावन सब बस यह सन्मार्ग चुने
न हो वृद्धाश्रम निज घर आश्रम बच्चे सेवा भाव धरें
न हो दुख देवा करे तात सेवा सबको सम्मति प्रदान करो

हे गणनायक सिद्धि विनायक अब थोड़ा विश्राम करो
हे गणनायक सिद्धि विनायक अब सबकी तुम पीर हरो

*_बप्पा की सीख पर भक्तों बस इतना काम करदो_*
*_बंद हो जाएं सारे वृद्धाश्रम अपना जीवन बप्पा की तरह माता पिता के नाम करदो_*

*_गणपति बप्पा मोरिया_* ❤️❤️

© Akash Raghav