*** मौजूदगी ***
*** ग़ज़ल ***
*** मौजूदगी ***
" वेशक ना तु मिल मुझे ,
तेरी ख्वाहिशें तमाम रखेंगे ,
अब कोई बात हो अब मुख्तलिफ बातों में ,
अब सारा शहर आम रखेंगे ,
तेरी मैजुदगी का कुछ तो पता चले ,
हम तेरी ख्वाहिशें सरेयाम रखेंगे ,
मैं तुमसे किनारा कैसे कर लूं ,
मैं किसी शक्श में तेरी मौजूदगी तलाश तो कर लूं ,
वेशक...
*** मौजूदगी ***
" वेशक ना तु मिल मुझे ,
तेरी ख्वाहिशें तमाम रखेंगे ,
अब कोई बात हो अब मुख्तलिफ बातों में ,
अब सारा शहर आम रखेंगे ,
तेरी मैजुदगी का कुछ तो पता चले ,
हम तेरी ख्वाहिशें सरेयाम रखेंगे ,
मैं तुमसे किनारा कैसे कर लूं ,
मैं किसी शक्श में तेरी मौजूदगी तलाश तो कर लूं ,
वेशक...