रुक जा
सुनो ना रुक जा रात, मैं भी तेरे संग चलता हूँ!
थोड़ा सा उनसे मिल,अपनी बात कह चलता हूँ!
अगर तू न रुका तो, मन की बातें ठहर जायेगी,
और रह जायेगा अगले जन्म का इंतज़ार!
न कोई शिकवा, न कोई शिकायत उनके लिए!
जंगली हूँ कही अगले जन्म अजनबी न होए!
इसलिए कहता हूँ, रुक जा रात, मैं चलता हूँ!...
थोड़ा सा उनसे मिल,अपनी बात कह चलता हूँ!
अगर तू न रुका तो, मन की बातें ठहर जायेगी,
और रह जायेगा अगले जन्म का इंतज़ार!
न कोई शिकवा, न कोई शिकायत उनके लिए!
जंगली हूँ कही अगले जन्म अजनबी न होए!
इसलिए कहता हूँ, रुक जा रात, मैं चलता हूँ!...