ये बारिशें
फलक से गिर कर छत पे मेरे, मुझे बहलाने आयी है ये बारिशें आज मेरा ग़म बांटने आयी है...............|कहूं किससे मै हाल-ए -दिल मसरूफ बड़ा जमाना है.., दिल की बातों को दिल में रख कर घूंट गम का पी जाना हैं
ये बारिशें मुझसे मेरा राज़ चुराने आयी हैं..
फलक से गिर कर छत पे मेरे मुझे बहलाने आयी हैं ||
© shweta Singh
ये बारिशें मुझसे मेरा राज़ चुराने आयी हैं..
फलक से गिर कर छत पे मेरे मुझे बहलाने आयी हैं ||
© shweta Singh