अच्छा अब विदा होते हैं (अलविदा)
नजरे टकराई मगर राहे ना मिल पाई
नजर भर देखना चाहा
मगर आंखों ने शर्म और हया की कसमें दे डाली
बातें करनी चाही मगर लफ्जों को जुबान इजाजत ना दी
कदम बढ़ाना चाहा उस ओर जिस ओर तू था लेकिन समझ ने...
नजर भर देखना चाहा
मगर आंखों ने शर्म और हया की कसमें दे डाली
बातें करनी चाही मगर लफ्जों को जुबान इजाजत ना दी
कदम बढ़ाना चाहा उस ओर जिस ओर तू था लेकिन समझ ने...