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सहारा
मैं टूटी कश्ती मुझे तेरा सहारा मिल गया
मेरे टूटते पिघलते वजूद को किनारा मिल गया
है सफ़र अब सुहाना मेरे मुर्शद तेरा जो साथ मिल गया
चल रहे हम तेरे साथ ,मन बंजारे को
तेरा ठिकाना जो मिल गया
है 'अनिता 'का अरमान यही अब
मेरी तक़दीर बस तेरी गुलाम रहे
मुझे मेरा खरीदार रकीब जो मिल गया
मेरे टूटते पिघलते वजूद को किनारा मिल गया
है सफ़र अब सुहाना मेरे मुर्शद तेरा जो साथ मिल गया
चल रहे हम तेरे साथ ,मन बंजारे को
तेरा ठिकाना जो मिल गया
है 'अनिता 'का अरमान यही अब
मेरी तक़दीर बस तेरी गुलाम रहे
मुझे मेरा खरीदार रकीब जो मिल गया
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