...

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मित्रता
ज़िन्दगी के पौधे से उगी, मित्रता एक बेल है
सामंजस्य है विचार धाराओं का, दो दिलों का मेल है
मित्रता अस्तित्व है, मित्र बिना ना सार है
मित्र बिना क्या जीना? ऐसे जीवन को धिक्कार है

जाति-पाति, ऊंच-नीच से परे, मित्रता एक भाव है
हैसियत नहीं देखती, वो खोजती सरल स्वभाव है
जो तुम्हारी कमियां याद दिलाए, वो निंदक मित्र है
जो फ़िक्र करता है तुम्हारी, वो चिंतक मित्र है

मित्र वो नहीं है जो गलत राह पर भी तुम्हारा साथ दे
मित्र वो है जो सही को सही और गलत को गलत कहे
मित्र वो नहीं जो कुसंगति में जाने से ना रोके तुम्हे
मित्र वो है जो तुम्हारे हर गलत कार्य पर टोके तुम्हे

कुत्सित मानसिकता के प्रभाव में, मित्रता दूषित हुई
झूठे मतलब के कारण, सच्ची मित्रता भी कलुषित हुई
कृष्ण-सुदामा की मिसाल देते लोग आजकल थकते नहीं
मगर कृष्ण-सुदामा जैसे मित्र क्यों दिखते नहीं?
#HappyFriendshipDay

© Anirya