...

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कुछ एहसास ऐसे भी!!!
पता नहीं क्यों बहुत खालीपन लग रहा है, 
कुछ तो है जो पीछे छूट रहा है,
 शायद दिल बेचैन है किसी की आहट के लिए,
पर वो खुद कुछ मिलो दूर तड़प रहा है,
 मिलो दूर तड़प रहा
 
आंखें ढूंढ रही उसकी झलक पाने को, कान तरस गए उसकी एक आवाज सुनने को,
 सांसे चाहती है बस उसके एहसास को,
 और रूह चिल्ला रही है उसके पास आने को

कुछ पल खोजने है साथ बिताने के लिए,
वो यादों को वापस पाने के लिए,
बातों का सिलसिला चाहिए यूं साथ में तुम्हारे, 
की अल्फाज भी कम लगने लगे जज्बातों को जताने के लिए

बस इतनी सी ख्वाहिश है मेरी,
मेरी इतनी सी तमन्ना है, तुझे उस किताब की तरह पढ़ लू  जो सिर्फ मेरा  एक आशियाना है 
जो मेरा एक छोटा सा सपना है 
जो मेरा एक सपना है!!!

© Rinni Jain