सपनों की दुनिया
#दूर
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
मानो दिल को पर लगा उड़ा रहा है कोई,
अब देखो ना शबनमी बूँदों की अदाओं को
पत्तों पे राज़ करके इतराने की अदाओं को ,
फूलों का भी अपना एक अंदाज़ निराला है ,
कभी खिलते हुए हँसना तो कभी
मुरझाकर भी महकते रहना है ॥
© Suchi💖
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
मानो दिल को पर लगा उड़ा रहा है कोई,
अब देखो ना शबनमी बूँदों की अदाओं को
पत्तों पे राज़ करके इतराने की अदाओं को ,
फूलों का भी अपना एक अंदाज़ निराला है ,
कभी खिलते हुए हँसना तो कभी
मुरझाकर भी महकते रहना है ॥
© Suchi💖