दिल की पाती
दिल की पाती 🩷विरहणी की क़लम 🖊️ से ❤️
दिल की पाती शुष्क अधरों से
लिख भी दी समझा भी दी,
मूक नैनों की भाषा,नैन मूँद कर
पलक झुका कर,दिल तक पहुँचा भी दी !!
क्या समझा है क्या जानेगा
दिल के मर्म को,अलक कम्पन को
हाथों की ठंडक उन हाथों तक
हृदय चक्षु से सहला भी दी !!
हृदय की सिहरन,साँसों की गर्मी
कंपकपाते अधरों से,...
दिल की पाती शुष्क अधरों से
लिख भी दी समझा भी दी,
मूक नैनों की भाषा,नैन मूँद कर
पलक झुका कर,दिल तक पहुँचा भी दी !!
क्या समझा है क्या जानेगा
दिल के मर्म को,अलक कम्पन को
हाथों की ठंडक उन हाथों तक
हृदय चक्षु से सहला भी दी !!
हृदय की सिहरन,साँसों की गर्मी
कंपकपाते अधरों से,...