चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
अक्सर तुम मिलते हो ख्वाबों में कहीं
आज तुम्हें हकीकत में पाने को चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
मोहब्बत की तकरार शुरू हुई था जहां से
आज वहां इश्क की सौगात पाने को चलते है
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
अधूरी रह चुकी बातों की
फिर से शुरुआत करने को चलते हैं
तेरी आंखों में छिपी
वो खामोशी पढ़ने को चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
तुझमें खोकर आज कहीं
खुदको तुझमें तलाशने को चलते हैं
जो सुकून गुम हो गया था कहीं
आज उसे तेरी बाहों में पाने को चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्हीं चौराहों पर चलते हैं।।
© Tanshi_a_secret
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
अक्सर तुम मिलते हो ख्वाबों में कहीं
आज तुम्हें हकीकत में पाने को चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
मोहब्बत की तकरार शुरू हुई था जहां से
आज वहां इश्क की सौगात पाने को चलते है
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
अधूरी रह चुकी बातों की
फिर से शुरुआत करने को चलते हैं
तेरी आंखों में छिपी
वो खामोशी पढ़ने को चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्ही चौराहों पर चलते हैं ।
तुझमें खोकर आज कहीं
खुदको तुझमें तलाशने को चलते हैं
जो सुकून गुम हो गया था कहीं
आज उसे तेरी बाहों में पाने को चलते हैं
आज फिर उन्हीं राहों पर चलते हैं
जहां से बिछड़े थे कभी
फिर उन्हीं चौराहों पर चलते हैं।।
© Tanshi_a_secret