पूरी कहानी या थोड़ी सी जिंदगानी..?
लिख दू पूरी कहानी मैं,
या लिख दू थोड़ी सी जिंदगानी मैं।
हूं कुछ शक्लों से अनजान अभी,
लेकिन ऐसा नही की पहचान नहीं।
क्या इतने बड़े हैं, मेरे सपने??
जो कर न सकू मे उनको पूरे।
ये किस्मत का दोष हैं,
या किस्मत भी...
या लिख दू थोड़ी सी जिंदगानी मैं।
हूं कुछ शक्लों से अनजान अभी,
लेकिन ऐसा नही की पहचान नहीं।
क्या इतने बड़े हैं, मेरे सपने??
जो कर न सकू मे उनको पूरे।
ये किस्मत का दोष हैं,
या किस्मत भी...