Mai khud ko or tujhko ek sath likhungi...
मैं खुद को दाग और तुझको चांद लिखूंगी...
खुद बनूंगी चांद की रात और तुझको रात का हसीन ख्वाब लिखूंगी...
मैं खुद को ज़मीन और तुझको आसमान लिखूंगी...
खुद बनूंगी बरसात में नाचने वाला मोर और तुझको बरसात की हर बूंद लिखूंगी...
मैं खुद को मछली और तुझको पानी लिखूंगी....
खुद बनूंगी जान और तुझको अपनी जिंदगानी लिखूंगी...
मैं खुद को कागज़ और तुझको कलम लिखूंगी...
खुद बनूंगी अक्षर और तुझको एक - एक शब्द लिखूंगी...
मैं खुद को मुसाफिर और तुझको मंजिल लिखूंगी...
खुद बनूंगी मुसाफ़िर का सफ़र और तुझको सफ़र की सड़क लिखूंगी....
खुद को दानपात्र और तुझको दान लिखूंगी...
खुद बनूंगी झोली और तुझको झोली भरने वाली मांग लिखूंगी...
© vandana singh
खुद बनूंगी चांद की रात और तुझको रात का हसीन ख्वाब लिखूंगी...
मैं खुद को ज़मीन और तुझको आसमान लिखूंगी...
खुद बनूंगी बरसात में नाचने वाला मोर और तुझको बरसात की हर बूंद लिखूंगी...
मैं खुद को मछली और तुझको पानी लिखूंगी....
खुद बनूंगी जान और तुझको अपनी जिंदगानी लिखूंगी...
मैं खुद को कागज़ और तुझको कलम लिखूंगी...
खुद बनूंगी अक्षर और तुझको एक - एक शब्द लिखूंगी...
मैं खुद को मुसाफिर और तुझको मंजिल लिखूंगी...
खुद बनूंगी मुसाफ़िर का सफ़र और तुझको सफ़र की सड़क लिखूंगी....
खुद को दानपात्र और तुझको दान लिखूंगी...
खुद बनूंगी झोली और तुझको झोली भरने वाली मांग लिखूंगी...
© vandana singh