वो....
बड़े दिनों बाद देखा आज उसे
वही लालच फिर कर बैठी
कितना सुंदर हैं ये
फिर खुद को फटकार लगाई
‘घूर मत’
कैसा भी हो तेरा नहीं
नजर फेर ली मैंने
दिमाग की चोरी दिल उसे याद
कर रहा हैं
वाकई बहुत सुंदर लग रहा था वो....
© first muskan
वही लालच फिर कर बैठी
कितना सुंदर हैं ये
फिर खुद को फटकार लगाई
‘घूर मत’
कैसा भी हो तेरा नहीं
नजर फेर ली मैंने
दिमाग की चोरी दिल उसे याद
कर रहा हैं
वाकई बहुत सुंदर लग रहा था वो....
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