...

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ग़ज़ल

तेरी दुनिया अलग, मेरी दुनिया अलग।
सुख के सागर अलग,ग़म का दरिया अलग।

देखने सोचने में बहुत फ़र्क़ है,
तेरा मेरा बहुत है नज़रिया अलग।

हम हक़ीक़त के पहिये के नीचे दबे,
आपकी ख़्वाब की है ...