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**दुआ करो तुम**
दुआ करो तुम, तुम्हें बुरा महसूस ना हो।
ना हो कोई हादसा, कोई यूं बेखबर ना हो।
मासूमियत होती है हर इंसान में,
जब तक उसके साथ खिलवाड़ हुआ ना हो।
इतनी बार प्यार होता है लोगों को,
शायद उन्हें सही इंसान मिला ना हो।
सपना जो हकीकत बनकर साकार हुआ,
दुआ करो वो दर्द तुम्हें अब महसूस ना हो।
हर इंसान को शक की नजरों से देखते हो?
अपनी आदत के चलते सही इंसान गवां न दो।
जब तक इंसान है उसकी अहमियत समझो,
धूल लगी बेकार किताबों के पन्ने कोई बदलता नहीं।
कुछ नहीं मिलता यहां किसी को ,
सब कुछ तुम्हें मिला है तो कद्र करो।
© Rudravi
ना हो कोई हादसा, कोई यूं बेखबर ना हो।
मासूमियत होती है हर इंसान में,
जब तक उसके साथ खिलवाड़ हुआ ना हो।
इतनी बार प्यार होता है लोगों को,
शायद उन्हें सही इंसान मिला ना हो।
सपना जो हकीकत बनकर साकार हुआ,
दुआ करो वो दर्द तुम्हें अब महसूस ना हो।
हर इंसान को शक की नजरों से देखते हो?
अपनी आदत के चलते सही इंसान गवां न दो।
जब तक इंसान है उसकी अहमियत समझो,
धूल लगी बेकार किताबों के पन्ने कोई बदलता नहीं।
कुछ नहीं मिलता यहां किसी को ,
सब कुछ तुम्हें मिला है तो कद्र करो।
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