मैं शायर एक आवारा हूं,
मैं शायर एक आवारा हूं,
मैं जंग ए जिंदगी हारा हूं...
फिरता रहता हूं यहां वहां,
बेघर हूं मैं बंजारा हूं...
मैं तुम्हें उजाला क्या दूंगा,
मैं खुद एक टूटा तारा हूं...
जहां कभी...
मैं जंग ए जिंदगी हारा हूं...
फिरता रहता हूं यहां वहां,
बेघर हूं मैं बंजारा हूं...
मैं तुम्हें उजाला क्या दूंगा,
मैं खुद एक टूटा तारा हूं...
जहां कभी...