ऐ शाम कुछ तो बोल
ऐ शाम कुछ तो बोल
यू चुप चाप क्यों है?
आज तेरे हवाओं में वो ठंडक नही है,
न वो प्यारी सी चुभन है,
आज फिर से तू खामोश खड़ा है,
क्या तेरा भी...
यू चुप चाप क्यों है?
आज तेरे हवाओं में वो ठंडक नही है,
न वो प्यारी सी चुभन है,
आज फिर से तू खामोश खड़ा है,
क्या तेरा भी...