क्या लिखूँ...
ख़त में उसे सलाम लिखूँ,
या इश्क़ का पैग़ाम लिखूँ।
कोई आकर बता दे मुझको,
क्या दिल उसके नाम लिखूँ।
क़ैद नजरों में हुए हैं मेरी,
कैसे वाकिया बयान लिखूँ।
हूं मैं शमशीर कटीली सी,
तो क्या उन्हें म्यान लिखूँ।
वो ख़ास हैं दिल में मेरे तो,
क्या ख़ुद को मैं आम लिखूँ।
उगा दें शम्स दिल में अपने तो मैं,
उनके नाम इश्क़ की शाम लिखूँ।
तिज़ारत इश्क़ में ग़र करने लगे वो,
तो मेरी उल्फ़त का क्या दाम लिखूँ।
कबूल ग़र दिल को न किया तो क्या,
इश्क़ में ख़ुद को मैं नाकाम लिखूँ।
@Pankaj_bist_ruhi
© Pankaj Bist 'Ruhi'
#क्या_लिखूँ #writco #WritcoQuote #ishq #paigam #salam
या इश्क़ का पैग़ाम लिखूँ।
कोई आकर बता दे मुझको,
क्या दिल उसके नाम लिखूँ।
क़ैद नजरों में हुए हैं मेरी,
कैसे वाकिया बयान लिखूँ।
हूं मैं शमशीर कटीली सी,
तो क्या उन्हें म्यान लिखूँ।
वो ख़ास हैं दिल में मेरे तो,
क्या ख़ुद को मैं आम लिखूँ।
उगा दें शम्स दिल में अपने तो मैं,
उनके नाम इश्क़ की शाम लिखूँ।
तिज़ारत इश्क़ में ग़र करने लगे वो,
तो मेरी उल्फ़त का क्या दाम लिखूँ।
कबूल ग़र दिल को न किया तो क्या,
इश्क़ में ख़ुद को मैं नाकाम लिखूँ।
@Pankaj_bist_ruhi
© Pankaj Bist 'Ruhi'
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