कलम
कल तलक मेरे हाथों में थी,
आज मेरी पसंदिदा चीज खो गई है,
कांधे पर सर रख रोने दे न मुझे,
मेरे यारा मुझको तेरी आदत हो गई है ।।
जब उठेगी तू अपने नींद से जागकर,
तू भी कैसे कैसो की अब आदि हो गई है,
तू पछताएगी हर अपने ख्वाब पर,
किसीके घर की अब बर्बादी हो गई है ।।
अब...
आज मेरी पसंदिदा चीज खो गई है,
कांधे पर सर रख रोने दे न मुझे,
मेरे यारा मुझको तेरी आदत हो गई है ।।
जब उठेगी तू अपने नींद से जागकर,
तू भी कैसे कैसो की अब आदि हो गई है,
तू पछताएगी हर अपने ख्वाब पर,
किसीके घर की अब बर्बादी हो गई है ।।
अब...