जिंदगी
दो पल की जिंदगी है,
आज बचपन, कल जवानी,
परसों बुढ़ापा, फिर खत्म कहानी है।
चलो हंस कर जिए, चलो खुलकर जिए,
फिर ना आने वाली यह रात सुहानी,
फिर ना आने वाला यह दिन सुहाना।
कल जो बीत गया सो बीत गया,
क्यों करते हो...
आज बचपन, कल जवानी,
परसों बुढ़ापा, फिर खत्म कहानी है।
चलो हंस कर जिए, चलो खुलकर जिए,
फिर ना आने वाली यह रात सुहानी,
फिर ना आने वाला यह दिन सुहाना।
कल जो बीत गया सो बीत गया,
क्यों करते हो...