जाने दो
#जाने-दो..!
तुम ठहर जाओ , ग़म को जाने दो
तम का सीना चिर दो ।
आशाओं का तूफां आने दो
निराशाओं के बादल जाने दो ।
जब कभी तुम टूट जाओ
टूटन की पीड़ा को जाने दो ।
जब सब कुछ खत्म सा लगने लगे
तब मा की थपकी याद रखना ।
बाकी सब कुछ जाने दो ।
आने वाले कल को याद रखो
बीते कल को जाने दो ।
महेंद्र कुमार शर्मा
तुम ठहर जाओ , ग़म को जाने दो
तम का सीना चिर दो ।
आशाओं का तूफां आने दो
निराशाओं के बादल जाने दो ।
जब कभी तुम टूट जाओ
टूटन की पीड़ा को जाने दो ।
जब सब कुछ खत्म सा लगने लगे
तब मा की थपकी याद रखना ।
बाकी सब कुछ जाने दो ।
आने वाले कल को याद रखो
बीते कल को जाने दो ।
महेंद्र कुमार शर्मा