ज़िन्दगी......
ज़िन्दगी काश.…...
तू कोई कविता होती
मैं नित नई लिखती तुझे
पन्नों में छिपा रखती तुझे
ना तुझे खो देने का कोई डर
ना पा लेने का क़िस्सा होता
मेरे मन के कोने में हर पल रहती
तू मेरा सबसे करीबी हिस्सा होता
बारिश में फुहारों सा...
तू कोई कविता होती
मैं नित नई लिखती तुझे
पन्नों में छिपा रखती तुझे
ना तुझे खो देने का कोई डर
ना पा लेने का क़िस्सा होता
मेरे मन के कोने में हर पल रहती
तू मेरा सबसे करीबी हिस्सा होता
बारिश में फुहारों सा...