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अकेले चलो, ये जीवन की राह है...!!!
अकेले चलो, ये जीवन की राह है,
भावनाओं में डूबना व्यर्थ की चाह है।
कोई न होगा जो दर्द समझे तुम्हारा,
स्वयं के कदमों का सहारा ही एकमात्र सहारा।।१।।

दिल की बातें न करो सबसे जाहिर,
दुनिया में कोई न होगा यहाँ साथी और जागिर।
प्रैक्टिकल रहो, समझो खेल जीवन का,
भावनाओं से दूर, भरोसा करो अपने कर्म का।।२।।

जो तुम करोगे, वही साथ चलेगा,
आँसुओं से न कुछ बदल सकेगा।
इस दुनिया में खुद को साबित करना है,
अपने दम पर ही आगे बढ़ना है।।३।।

अकेले चलना कठिन हो सकता है,
पर यहीं से मिलेगा सच्चा अनुभव और शिक्षा।
तो भावनाओं से ऊपर उठो, हिम्मत बांधो,
इस सफर में खुद को मजबूत साधो।।४।।
© 2005 self created by Rajeev Sharma