ग़ज़ल
नैना उनके कितने चंचल है,
देख कर दिल में हलचल है।
बोले तो कितनी राहत देती,
मिसरी सी गुफ्तगू शीतल है।
सोचें तो महक उठते हैं हम,
ख़ुशबू उनकी जैसे संदल है।
खुले तो...
देख कर दिल में हलचल है।
बोले तो कितनी राहत देती,
मिसरी सी गुफ्तगू शीतल है।
सोचें तो महक उठते हैं हम,
ख़ुशबू उनकी जैसे संदल है।
खुले तो...