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koi samjhaye
कोई समझ जाए तो समझाए हमे भी।।
ये अंधेरा क्यूं है इस जलते दिये के तले,
कोई बतलाए हमे भी।।
एक अरसा हुआ है मस्कुराए हुए हमे,
अब जी चाहता है कोई खुलके हसाए हमे भी।।
हर जगह दिल लगाना हमारी फितरत तो नहीं,
मगर फिर भी अगर कोई सीखा पाए ये हुनर,
तो सिखाए हमे भी।।
© abhay
ये अंधेरा क्यूं है इस जलते दिये के तले,
कोई बतलाए हमे भी।।
एक अरसा हुआ है मस्कुराए हुए हमे,
अब जी चाहता है कोई खुलके हसाए हमे भी।।
हर जगह दिल लगाना हमारी फितरत तो नहीं,
मगर फिर भी अगर कोई सीखा पाए ये हुनर,
तो सिखाए हमे भी।।
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