सफ़र और मैं
अगर हाँ में सर झुका दो,
तो मैं भी संग चल दूंगा,
तूफानों से लड़ते-लड़ते
मंज़िल तक निकल दूंगा।
वक्त का हर एक इम्तिहान
हम मिलकर सह लेंगे,
तू अगर साथ देगा तो हम
हर जख्म को सह लेंगे।
फासलों का डर न...
तो मैं भी संग चल दूंगा,
तूफानों से लड़ते-लड़ते
मंज़िल तक निकल दूंगा।
वक्त का हर एक इम्तिहान
हम मिलकर सह लेंगे,
तू अगर साथ देगा तो हम
हर जख्म को सह लेंगे।
फासलों का डर न...