नीम का पेड़
एक पेड़ नीम का मेरे घर के पास है
जिसकी छाँव में बैठना मुझे
आज भी याद है,
उसके कोमल पत्तों का बिछौना बनाना
उसकी लकड़ी का दातून मुझे
आज भी याद है,
गर्मी से कई बार राहत दी थी उसने
बचपन के खेल में भी मदद की थी उसने
उसके पीछे छिपना मुझे
आज भी याद है,
वो नीम का पेड अब भी वहीं है
और मेरा घर भी वहीं है
लेकिन अब उसके पास जाना नहीं होता
ना दातून ना ही बिछौना बिछाना नहीं होता,
उसके पत्तों से हवा वैसे ही सरकती है
और शायद मेरे कानों मे ये कहती है
कि
अब तुम बदल गयी हो.....
जिसकी छाँव में बैठना मुझे
आज भी याद है,
उसके कोमल पत्तों का बिछौना बनाना
उसकी लकड़ी का दातून मुझे
आज भी याद है,
गर्मी से कई बार राहत दी थी उसने
बचपन के खेल में भी मदद की थी उसने
उसके पीछे छिपना मुझे
आज भी याद है,
वो नीम का पेड अब भी वहीं है
और मेरा घर भी वहीं है
लेकिन अब उसके पास जाना नहीं होता
ना दातून ना ही बिछौना बिछाना नहीं होता,
उसके पत्तों से हवा वैसे ही सरकती है
और शायद मेरे कानों मे ये कहती है
कि
अब तुम बदल गयी हो.....