अभी तो कईं बडी़ उडान बाकी है...
हमने भी कहाँ हार मानी है
अभी तो शीखी भरनी उडान है
अभी तो कईं बडी़ उडान
भरनी बाकी है
गिर गये है रणभूमि में
छूट गयी शमशीर हाथों की
फिर भी हार कहाँ मानी है
दूर है...
अभी तो शीखी भरनी उडान है
अभी तो कईं बडी़ उडान
भरनी बाकी है
गिर गये है रणभूमि में
छूट गयी शमशीर हाथों की
फिर भी हार कहाँ मानी है
दूर है...