बहता हुआ समय...
कोई खुदगर्जी देखे हम जैसे बच्चों की ..
जब मां खिलाती थी ..तो सौ नखरे करते थे
आज बड़े हो गए तो सारी आनाकानी छोड़ दी हमने
हमारे घर के हर कोने को शिकायत थी शायद हमसे
तो...
जब मां खिलाती थी ..तो सौ नखरे करते थे
आज बड़े हो गए तो सारी आनाकानी छोड़ दी हमने
हमारे घर के हर कोने को शिकायत थी शायद हमसे
तो...