...

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मेरे बेमतलबी ख्वाब
कुछ गुजारिश कर ली
कुछ ज़ज्बो की बुनाई कर ली
पिरोया अरमानों को
और मुहब्बत दस्तयाब कर ली

कुछ कैद काट ली
कुछ जमानत की अर्जी कर ली
पेश हुए सबूत मेरी वफा के
और मैंने रिहाई मुक्कमल कर ली












© Shikha_