सफ़र - ए - मंज़िल
उठाकर टूटी उम्मीदों का कलम
किस्मत के पन्नों में हर एक ख़्वाब लिखा
फतेह कर मंजिल आसमानों से
सफ़र का ज़ख़्म बेहिसाब लिखा
कुरेद कुरेद कर हर एक ज़ख्मों को
हर एक...
किस्मत के पन्नों में हर एक ख़्वाब लिखा
फतेह कर मंजिल आसमानों से
सफ़र का ज़ख़्म बेहिसाब लिखा
कुरेद कुरेद कर हर एक ज़ख्मों को
हर एक...