...

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एकता
हैं सर्वशक्तिमान हम
चाहे हो धरती, आकाश, समुंदर य गगन,
लेकर धरती मां की कसम
रहते देश की सेवा मे हरदम।

केहलाते हम वीर सिपाही
जो न डरते कभी फिर चाहे हो जलती धूप या तेज आंधी,
जोड़े रखती हमें ये धरती
न कभी हमको भेदभाव सिखाती।

जननी हमारी अलग हो चाहे, या वेशभूषा हर प्रांत की बदले
तब भी हम देश पे मर मिटते,
क्योकि हम है भिन भिन...