कश्मकश में शिकस्त!...
ऐ सैलाब तू झंकार न कर
बेताबी के आलम से चिंघाड़ न कर
जख्म पर खार छिड़क न तू
अपनी वफा का आप प्रचार न कर।
वफा कौन? बेवफा कौन?...
बेताबी के आलम से चिंघाड़ न कर
जख्म पर खार छिड़क न तू
अपनी वफा का आप प्रचार न कर।
वफा कौन? बेवफा कौन?...