तुम !! ❤️
तुम कौन हो , कैसी हो ,
क्यों तुम ऐसी हो
मुझे कभी ये
समझ नही आया
तुम एक बात हमेशा सच कहती थी
मैं तुम्हे कभी समझ नही पाया
तुम ही चली जाती हो दूर हमेशा
तुमने बुलाया जब भी मैं आया
तुम्हारी पीड़ा भी मेरी पीड़ा है
ये कहकर ही तुम्हे था अपनाया
फिर भी तुमने वेदनाओ को
क्यों भला मुझसे छुपाया
तुम्हारा अपनापन कहो
या मेरा मन कहो
तुम हमेशा हृदय में
एक तस्वीर की भाती छपी हो
हां तुम जान्हवी हो
तुम जान भी हो
© दीप
क्यों तुम ऐसी हो
मुझे कभी ये
समझ नही आया
तुम एक बात हमेशा सच कहती थी
मैं तुम्हे कभी समझ नही पाया
तुम ही चली जाती हो दूर हमेशा
तुमने बुलाया जब भी मैं आया
तुम्हारी पीड़ा भी मेरी पीड़ा है
ये कहकर ही तुम्हे था अपनाया
फिर भी तुमने वेदनाओ को
क्यों भला मुझसे छुपाया
तुम्हारा अपनापन कहो
या मेरा मन कहो
तुम हमेशा हृदय में
एक तस्वीर की भाती छपी हो
हां तुम जान्हवी हो
तुम जान भी हो
© दीप