...

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इश्क़

मेरे शांत से मन में एक चंचल लहर सा हो तुम,
मेरी उलझी जिंदगी के गलियारों में एक मात्र सुकून के चबूतरे हो तुम।
तुमसे प्यार मेरा इश्क़ की इबादत है,
तुम्हारे मोहब्बत में साज़दा करू में;
ज़िक्र तुम्हारा मेरे लिए आयात सा है।
रूहानी इश्क़ हो तुम मेरे,
चाहत ए ऐतबार हो तुम।
मेरे क़िस्मत के जलते सितारे हो तुम।
मेरे चाहत का बसेरा हो तुम,
पाक मोहब्बत हो तुम मेरे।
© Alaktaka.writes
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