जंजीर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
क्या था पीछे छूट गया!
किससे नाता टूट गया!
कोई सपने आके लूट गया
टूट गया मन का भी भरम
लेकर अपने हिस्से ग़म
मंज़िल पाने निकले हम
देखो इन अंधियारों को
कांटो के गलियारों को
सुख में जो साथ रहे थे
अपने उन सब यारों को
दिखलाना तुम अपना ख़म
आँखें मत कर लेना नम
मंज़िल पाकर लेना दम
© अनपढ़
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
क्या था पीछे छूट गया!
किससे नाता टूट गया!
कोई सपने आके लूट गया
टूट गया मन का भी भरम
लेकर अपने हिस्से ग़म
मंज़िल पाने निकले हम
देखो इन अंधियारों को
कांटो के गलियारों को
सुख में जो साथ रहे थे
अपने उन सब यारों को
दिखलाना तुम अपना ख़म
आँखें मत कर लेना नम
मंज़िल पाकर लेना दम
© अनपढ़