सूरज ( कविता )
मै सूरज हूँ दीपक नही
मेरा काम उदय होना है जलना नही
डूबना है बुझना नही
माना कि मेरी बेटी , मेरी किरण दुनिया को रोशनी देती है और वो अंधकार को मिटा देती है
मै जब सुबह निकलता हूँ तो दुनिया उठ कर मुझे नमस्कार करती है
मै जब...
मेरा काम उदय होना है जलना नही
डूबना है बुझना नही
माना कि मेरी बेटी , मेरी किरण दुनिया को रोशनी देती है और वो अंधकार को मिटा देती है
मै जब सुबह निकलता हूँ तो दुनिया उठ कर मुझे नमस्कार करती है
मै जब...