बचपन के दोस्त,
एक झटके में सभी अटके बातें याद आ गए, ना जाने कहां से लबों पर खुदा से किसी के लिए फरियाद आ गए ।
बीते दिनों की यादों ने एक हलचल मचा दी,
ठंडे पड़ी जिस्मों में आग लगा दी।
दोस्तों की यादों ने याद दिला दी बचपन की मस्तियां ,
ना चाहत है पाने की कोई हस्तियां ,
बस चाहत है दोस्तों संग करने को दोबारा मस्तियां
कभी हम सभी साथ थे ,
हम सभी के हाथों पर एक दूसरे के हाथ थे,
बचपन के दोस्त कुछ खास थे ,
दोस्तों के बिना एक जिंदा लाश थे।
हम सभी संग थे, जीवन में एक उमंग थी ,
आसमान खुली थी और हम सभी एक पतंग थे।
ना कोई बंधन था, ना कोई पाबंदी ,
हमसभी थे ...
बीते दिनों की यादों ने एक हलचल मचा दी,
ठंडे पड़ी जिस्मों में आग लगा दी।
दोस्तों की यादों ने याद दिला दी बचपन की मस्तियां ,
ना चाहत है पाने की कोई हस्तियां ,
बस चाहत है दोस्तों संग करने को दोबारा मस्तियां
कभी हम सभी साथ थे ,
हम सभी के हाथों पर एक दूसरे के हाथ थे,
बचपन के दोस्त कुछ खास थे ,
दोस्तों के बिना एक जिंदा लाश थे।
हम सभी संग थे, जीवन में एक उमंग थी ,
आसमान खुली थी और हम सभी एक पतंग थे।
ना कोई बंधन था, ना कोई पाबंदी ,
हमसभी थे ...