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माया नगरी - एक दृष्टि ऐसी भी
TITTLE -" माया नगरी- एक दृश्य ऐसी भी"

देखो यह माया नगरी है।
जहाँ बच्चों को बस्ते के भार,
से कुचले जाते हैं सपने।
और यह बस्ते भी कहाँ होते हे सब के नसीब मे।
ओ भाई देखो यह माया नगरी है ।

लाखो की भीड़ मे ,
कोई साधु कोई संत बना फिरता है।
ज़ोर ज़ोर से नारा लगाए हम ही भगवान हैं
भक्तो की पीड़ा हरता है।
और पीड़ा भी क्या की लड़कियो के बाद न लड़के हुए।
भूत प्रेत की झोली है ,कितनो को जकड़े हुए।
ओ भाई यह माया नगरी है

देखो यह माया नगरी है,
जहाँ लोग खुद की पहचान छोड़।
भीड़ की और दौड़ रहे हैं।
कोई पेट पालने को दर दर भटकता।
तो कोई बस चॉइस करने को घंटो लगाता।
कोई ठंड मे कप कपा रहा,
तो कोई पोशाक पल पल बदल रहा।

मन मे छल,
मुँह मे शहद, लोग ही अपने कहलाते है।
यह माया नगरी है जनाब ,
यहाँ सच बोलने वाले अक्सर शक की नज़रों से देखे जाते है।
कौन भाई कौन परिवार,
ज़मीनो के टुकड़े दिलो के जज्बात पे राज करते है।
शायद यह माया नगरी है,
यह बूढ़े माँ बाप को भी लोग,
ओल्ड एज होम छोड़ने से भी नही कतराते है।

कंदे पे बैठाये बच्चो को,
ममता मे सींचे माँ के...