...

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" सब्र -ए- मोहब्बत "
वह तो मोहब्बत है तुमसे
हमें बस इतना पता है
वरना तुम जैसों को
हम देखते ही कहां है...💔

हम हर घड़ी इंतजार में
टकटकी लगाए रहते हैं तुम्हारे
अब तुम चले आते हो जब
टाइम पास मन में रहता है तुम्हारे
और फिर पूछते हो हमसे
क्या रिश्ता या क्या लगते हैं हम तुम्हारे..💔

सब्र-ए-मोहब्बत में अब
हम थक कर हार गए
मोहब्बत बेइंतहा करी है तुमसे,
अब खास से सिर्फ खाक हो गए..💔

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© Shalini Saklani ✍️ shaivali