तेरी मेरी रात...और वो चांद
अनजानी रातों में
तुम्हारी बातों में
इन डूबlतीआँखों में
कुछ यू खोना है
जैसे हो कोई धागे उलझे
जो तोड़ने से भी न सुलझे
तेरी बाहों में सोना है
खुद से...
तुम्हारी बातों में
इन डूबlतीआँखों में
कुछ यू खोना है
जैसे हो कोई धागे उलझे
जो तोड़ने से भी न सुलझे
तेरी बाहों में सोना है
खुद से...