...

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नशे में हूं...
कुछ दिनों से मैंने दर्द का चर्चा नहीं किया
दुनिया समझ रही है शायद सुकून में हूँ,


लोग तो बेवजह खरीदते हैं आईने,
मै तो आँख खोल के भी नींद में हूं,


उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी,
जहाँ सारा शहर अपना होगा , यकीन में हूं,


परवाना हूँ मैं शम्मा का यूं तड़प बार-बार मरूँगा,
रोकेगा क्या ज़माना मैं तो यूँ ही प्यार के नशे में हूं।