...

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बगावत
दरीया अब तेरी खैर नही, बूंदो ने बगावत कर दी है,

नादान न समझ बुजदिल इनको, लहरो ने बगावत कर दी है,

हम परवाने है मौत के, मरने का किसको खौफ यहाँ,

रे तलवार तुझे झुकना होगा, गर्दन ने बगावत कर दी है।
© गरूड़